प्रेम की ज्योति जगा कर तो देख
भावों के मोती चढ़ा कर तो देख
आ जाएगा मेरा सांवरा
हर नियम रिवाज़ों की बेदी तोड़ कर
प्रेमियों के खातिर आया है दौड़ कर
रीझा नहीं माया से न फूलों के हार से
सांवरा तो रीझा है बस आंसू की धार से
चरणों में तू अश्क बहा कर तो देख
आ जाएगा मेरा सांवरा
मीरा और नरसी की थी एक तह दास्ताँ
दोनों ने चुना था भजनो का रास्ता
सच्ची चुभार होगी अगर तेर आह में
मिल जायेगा सांवरिया तुझको भी राह में
तू भी इसको भजन सुनकर तो देख
आ जाएगा मेरा सांवरा
हो अगर यकीन ना इतिठास देख ले
कर के सांवरे पे विश्वास देख ले
आता रहा आएगा वो देखो पुकार के
जब भी कोई प्रेमी इसे बुलाये हार के
सोनू तू भी इसको बुला कर तो देख
प्रेम की ज्योति जगा कर तो देख
भावों के मोती चढ़ा कर तो देख
आ जाएगा मेरा सांवरा