दया थोड़ी सी कर दो ना मेरे दामन को भर दो ना,
लाल मैं भी तुम्हारा हूँ तो फिर क्यों बेसहारा हूँ,
ओ श्याम मेरे श्याम.......
प्रभु मुझ पे कृपा कर दे तू तो ममता की मूरत है,
मैं प्यासा हूँ तू सागर है मुझे तेरी ज़रूरत है,
दया की बूँद बरसाओ मुझे ना और तरसाओ,
लाल मैं भी तुम्हारा हूँ,
तो फिर क्यों बेसहारा हूँ,
दया थोड़ी सी कर दो......
सभी का बन गया मैं पर कोई मेरा न बन पाया,
बड़ी ही आस लेकर के तुम्हारे दर पे मैं आया,
तुम्ही तो हो मेरी हिम्मत तेरे बिन क्या मेरी कीमत,
लाल मैं भी तुम्हारा हूँ तो फिर क्यों बेसहारा हूँ,
दया थोड़ी सी कर दो......
मेरे हालात पे माधव हर कोई तंज कसता है,
तड़पता देख कर मुझको ज़माना खूब हँसता है,
ये दुनिया लाज की दुश्मन दुखाती है ये मेरा मन,
लाल मैं भी तुम्हारा हूँ तो फिर क्यों बेसहारा हूँ,
दया थोड़ी सी कर दो......
दुखों की रात है तो क्या सुख का सूरज भी निकलेगा,
देख कर के मेरे आंसू श्याम तेरा दिल पिघलेगा,
हलक पे जान है मेरी दया का दान दे दे रे,
लाल मैं भी तुम्हारा हूँ तो फिर क्यों बेसहारा हूँ,
दया थोड़ी सी कर दो न,
ओ श्याम मेरे श्याम......