लंका में काल यो आ गया,
वे सब के मन पे छा गया,
ऐसा यो रूप निराला रे,
राम का सेवक प्यारा से नाम से बजरंग बाला,
इक हाथ में गधा विराजे आँखों में तूफ़ान भरा,
उठा उठा के अक्षय मारा नक्शा रह गया धरा धरा,
ऐसा मारिया पटक पटक के बयाँ खून का नाला रे,
राम का सेवक प्यारा से नाम से बजरंग बाला,
तेजी उस में बिजली जैसे बानर कुल में जन्मा है,
जिसने भी देखा बजरंग को उस को लागे सदमा है ,
जामु माली को आते ही हवा में उस ने उछाला रे,
राम का सेवक प्यारा से नाम से बजरंग बाला,
श्री राम के पैर पकड़ ले रावण खैर जो चावे से,
सोनू लखा जैसे गुरु मुरार के पैर दबाबे से,
राम नाम का भजन करे से मन में हॉवे उजाला,
राम का सेवक प्यारा से नाम से बजरंग बाला,