मैं आया तेरे द्वार हे बजरंगी
मेरा संकट देना काट ओ बजरंगी,
ये सिन्धुर का चोला मन मेरा भी डोला अब दर्शन देदो बजरंगी
मैं आया तेरे द्वार हे बजरंगी
आगे भेरव काज रहे है पीछे प्रेत विराज रहे है
बीच में है हनुमान करना किरपा निधान
अब दर्शन देदो बजरंगी
मैं आया तेरे द्वार हे बजरंगी
भुत प्रेत ये मुझे सताए फिर तेरी शरण में आये
रखना मेरी अभ लाज सुना है तेरा परताप हर कष्टों से मुझे बचा लो जी बजरंगी
मैं आया तेरे द्वार हे बजरंगी
सेवा भगती कुछ नही जानू सब तेरी किरपा मैं मानु
ये दीपक है नादान देना भगती का दान अब मुझे शरण में लेलो जी बजरंगी
मैं आया तेरे द्वार हे बजरंगी