बन बेठा बंजारा तेरे प्यार में,
सब कुछ मुझे मिला है दरबार में,
तेरे प्यार में तेरे दरबार में,
चिंतन तेरा करता रहू मैं ,
वंदन तेरा करता रहू मैं,
नाम जपु मैं हर पल तेरा नाम जपु मैं हर पल तेरा,
क्या रखा है झूठे इस संसार में ,
सब कुछ मुझे मिला है दरबार में,
जिस दर पे भी मैंने शीश जुकाया इक पिता सा प्यार पाया,
समज न पाया तेरी माया,
हर कोई अपना लगता इस परिवार में,
सब कुछ मुझे मिला है दरबार में,
वंजारा बन कर है रहना तेरे प्रमोद का है ये केहना,
श्याम के बाहों में रहना श्याम के संग बाहों में बेहना,
कैसे रहेगी नैया अब मजधार में,
सब कुछ मुझे मिला है दरबार में,