तुम हो कारे तुम हो कारे कन्हियाँ मैं गोरी,
तुम्हारा मेरा मेल नहीं
मैं मेहलन की रहने वाली राज घराने की राज दुलारी,
फिर कैसे बने अपनी जोड़ी,तुम्हारा मेरा मेल नहीं
और मुकत कान्हा सिर पे तुम्हरे,
मेरा मुकत हीरो से जड़ा रे,
तुम को काले मैं नव किशोरी,
तुम्हारा मेरा मेल नहीं
कान्हा तुम्हारी तो काली कमलियाँ,
सतरंगी मेरे लेहंगा चुनरियाँ,
तुम हो छलिया कन्हियाँ मैं भोली,
तुम्हारा मेरा मेल नहीं