वो कौन सी जगह, जो श्याम की नहीं,
घनश्याम की नही, वो कौन जगह है.....
रंगों में श्याम रंग बस प्यारा मुझे लगे,
दीवाना हैं सभी तो कोई क्या करे,
मै भी ये भी मैं भी दीवाना श्याम का,
कोई और का नहीं कोइ ओर का नही,
वो कौन सी जगह, जो श्याम की नहीं,
घनश्याम की नही, वो कौन जगह है.....
मै रूप का तुम्हारे दीवाना हो गया,
गा गा के नाम तेरा मस्ताना हो गया,
मेरा मेरा रहे तूँ बनके कोई और का नहीं,
कोई और का नही जो बात मेरे श्याम का नही,
वो कौन सी जगह, जो श्याम की नहीं,
घनश्याम की नही, वो कौन जगह है.....
पाँव में तेरी पैजनी कितनी सुघर लगे,
श्री शंख चक्र पदम् से तेरे चरण सजे,
तेरे सिवा "राजेंद्र" का,
और कोई नही हाँ और कोई नहीं,
वो कौन सी जगह, जो श्याम की नहीं,
घनश्याम की नही, वो कौन जगह है.....