तू कितनी सुन्दर है, तू कितनी प्यारी है,
नहीं कोई तुझ जैसा, तू जग से न्यारी है,
तू ममतामयी मईया, तू करुणावाली है, तू भोली-भाली है,
मेरी दादी झुंझनुवाली है ।
जय जय दादी माँ, जय जय दादी माँ,
जय जय दादी माँ, बोलो जय जय दादी माँ ॥
की जब भी भगतों पे मुसीबत आयी है,
की सर पे माँ तेरी चुनड़ लहराई है ।
तेरे आँचल की छइयां में हमें चिंता नहीं कोई ,
संभालेगी, सम्भाला है, हमें शंका नहीं कोई ।
तू करती भगतों की सदा रखवाली है,
कोई ना तेरे दर से माँ लौटा है खाली है ।
तू ममतामयी मईया, तू करुणावाली है, तू भोली-भाली है,
मेरी दादी झुंझनुवाली है ।
मेरी नईया की है ओ मईया मांझी तू,
सहारा भगतों का है केवल दादी तू ।
तेरे बिन सौरभ मधुकर का नहीं दूजा ठिकाना माँ,
की तेरे चरणों से जुड़ा है ये रिश्ता पुराना माँ ।
तेरे ही हाथों में ये डोर हमारी है,
तुझको ही सौंपा है ये जिम्मेदारी है,
तू ममतामयी मईया, तू करुणावाली है, तू भोली-भाली है,
मेरी दादी झुंझनुवाली है ।
भजन गायक - सौरभ मधुकर
भजन रचयिता - मधुकर