जय दादी की बोल तू प्यारे संकट दूर भगाती है

जय दादी की बोल तू प्यारे संकट दूर भगाती है,
जो भी मंग पाठ सुनाये दादी सुन ने आती है,
जय दादी की बोल तू प्यारे ....

टंगत मची है सेठ जगत को नारायणी सेठानी है,
झुंझनू धाम की महिमा भगतो सारे जग ने मानी है,
जय दादी की जो भी गाये दादी गले लगाती है,
जो भी मंग पाठ सुनाये दादी सुन ने आती है,
जय दादी की बोल तू प्यारे ....

मंगल पाठ की महिमा थारी जो नित पाठ सुनाते है,
ान धन से है भंडार है भर्ती दादी किरपा पाते है,
हाथो हाथो ये पर्चा देने शक्ति रूप में आती है,.
जो भी मंग पाठ सुनाये दादी सुन ने आती है,
जय दादी की बोल तू प्यारे ....

सतयुग में श्री रानी सती का उचा नाम महान है,
निर्धन को धन देती दादी बांजन को संतान है,
कहे उल्म सत की ज्योत है घर घर सत लाइ है,
जो भी मंग पाठ सुनाये दादी सुन ने आती है,
जय दादी की बोल तू प्यारे ....
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