सोहे बैल सवारी अब नाचे लन त्रिपुरारी
डमरुआ डम डम बाजेला
भूत वा पिचाश संगे
सांप गोजर अंगे अंगे
खालें भांग के गोला
मस्त रहेलन भोला
डमरुआ डम डम बाजेला
बाल ब्रम्हचारी के
नर और नारी के
सुनेलन उ पुकार आवेला जे द्वार
डमरुआ डम डम बाजेला
सोहे बैल सवारी अब नाचे लन त्रिपुरारी
डमरुआ डम डम बाजेला
Writter मुंशी शर्मा पुणे
Mo. ९०१११०२१९९