जीवन तेरा अनमोल रे

जीवन तेरा अनमोल रे इस मिटटी में न गोल रे,
माया से तू बच ले प्यारे दोलत से न तोल रे
जीवन तेरा अनमोल रे इस मिटटी में न गोल रे,

इस दुनिया में मेहल बनाया जीवन भर खूब सजाया,
तेरा मेरा के चकर में अपने को खूब भरमाया,
जिन्दगी गावया अनमोल रे इस मिटटी में न गोल रे
माया से तू बच ले प्यारे दोलत से न तोल रे

रिश्ता नाता कुतब कबीला छोड़ अकेला जाएगा,
भले बुरे सारे कर्मो का फल अकेला पायेगा,
प्रभु से कर मिल जोल  इस मिटटी में न गोल रे
माया से तू बच ले प्यारे दोलत से न तोल रे

तू सत्संग में जाया कर गीत प्रभु का गाया कर,
मन मंदीर में प्रभु वसे ध्यान उसी में लगाया कर,
मन की आंखे खोल रे इस मिटटी में न गोल रे
माया से तू बच ले प्यारे दोलत से न तोल रे
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