राम लखन माता जानकी मैंने सपने में देखें,
चरणों में बैठे हनुमान जी मैंने सपने में देखें....
चारो तरफ उनके सरयू नदी है, बीच में उनके अवधपुरी है,
वहीं पे रहते मेरे राम जी मैंने सपने में देखें,
राम लखन माता जानकी मैंने सपने में देखें,
चरणों में बैठे हनुमान जी मैंने सपने में देखें.....
चारो तरफ उनके देव खड़े है, ब्रह्मा विष्णु महेश खड़े हैं,
बीच में खड़े मेरे रामजी मैंने सपने में देखे,
राम लखन माता जानकी मैंने सपने में देखें,
चरणों में बैठे हनुमान जी मैंने सपने में देखें......
चारो तरफ उनके माताजी खड़ी है, कौशल्या, कैकेयी सुमित्रा खड़ी है,
बीच में खड़ी माता जानकी मैंने सपने में देखें,
राम लखन माता जानकी मैंने सपने में देखें,
चरणों में बैठे हनुमान जी मैंने सपने में देखें......
अवधपुरी में धूम मची है, जगमग जगमग दीप जले है,
आरती उतारे प्रभु राम की मैंने सपने में देखे,
राम लखन माता जानकी मैंने सपने में देखें,
चरणों में बैठे हनुमान जी मैंने सपने में देखें......