तू है मेरा मैं तेरा ही हु सँवारे,
जी रहा हु किरपा पे तेरी संवारे,
मिल गई हर ख़ुशी मिट गए सारे गम.
बात बिगड़ी बनाई मेरे सँवारे,
तू है मेरा मैं तेरा ही हु सँवारे,
दो जहां का मालिक तू दया वां है ,
अपने भगतो पे तू तो मेहरबानी है
तू ही साहिल तू कश्ती मेरे सँवारे,
जी रहा हु किरपा पे तेरी सँवारे ,
तू है मेरा मैं तेरा ही हु सँवारे,
तुझसे मिलने की चाहत दिल में लगी
प्यास दर्शन की मेरे मन में जगी,
मान लो अब तो अर्जी मेरे सँवारे,
जी रहा हु किरपा पे तेरी सँवारे ,
तू है मेरा मैं तेरा ही हु सँवारे,