मैं हारा हुआ था तूने जिताया देके सहारा मुझे अपना बनाया,
खुशियों से दामन भर दिया मेरा कैसे मैं बुलु एहसान तेरा,
हर पल तू रहता है पकड़ हाथ मेरा,
फर्श से उठा कर अर्श पे बिठाया,
हारे का साथी है तो ये सच करदे काया ,
दिल कहु मैं तू साथी है मेरा,
कैसे मैं बुलु एहसान तेरा,
हर पल तू रहता है पकड़ हाथ मेरा,
अर्जी को मेरी स्वीकार करना मुझे श्याम चरणों से दूर नहीं करना,
हर ग्यारस पे खाटू अब आना है मेरा,
कैसे मैं बुलु एहसान तेरा,
हर पल तू रहता है पकड़ हाथ मेरा,