सूरजगढ़ निशान के नीचे जो भी आया है
खाटू वाले श्याम ने उसका भाग्य जगाया है
ना जाने कितने भक्तों का इस निशान में तप बल है
इसीलिए युगों युगों से ये सफ़ेद है उज्जवल है
सदियों से ये श्याम शिखर पर चढ़ता आया है
खाटू वाले श्याम ने उसका भाग्य जगाया है
सूरजगढ़ से पैदल चलते श्याम का ध्यान लगा कर के
बूढ़े बालक नर और नारी मन में भाव जगा कर के
चलने वालों पर बाबा की छत्र छाया है
खाटू वाले श्याम ने उसका भाग्य जगाया है
इस निशान को सच्चे मन से जो भी शीश नवाता है
मनोकामना पूरी होती कृपा श्याम की पाता है
इस निशान में श्याम धनी का तेज समाया है
खाटू वाले श्याम ने उसका भाग्य जगाया है
सूरजगढ़ निशान को बिन्नू शीश झुका वंदन करता
शक्ति देता भक्ति देता सारे संकट ये हरता
भक्त और भगवन का इसने मेल कराया है
खाटू वाले श्याम ने उसका भाग्य जगाया है