आया फागुन रंग रंगीला मोसम है छेल छबीला
हर दिल में मस्ती छाई
धरती और अम्बर गीला
चले सनन सन मंद पवन पुरवाई है
आई झूम के होली की प्यारी रुत आई है
फागुन की रुत आई खाटू में भीड़ लगी भारी
दूर दूर से चल कर आते है नर और नारी
कोई रंग अभीर लगाये कोई मस्ती में लेहराए
कोई ढोल नगाड़े बजाए श्री श्याम की जय जय गाये
चले सनन सन मंद पवन पुरवाई है
आई झूम के होली की प्यारी रुत आई है
श्याम के संग होली खेले गे सब के मन में आई
रंग गुलाल अभीर लगाने टोलिया है आई
कोई आज अकेला आया कोई परिवार संग लाया
मन में उमंग और जोश भरे कोई दूर दराज से आया
चले सनन सन मंद पवन पुरवाई है
आई झूम के होली की प्यारी रुत आई है
सब नगर मोहले देखो है रंग बिरंगे लगते
मेरे श्याम के रंग में देखो है रंगीले से लगते
है प्रीती प्रेम का सागर ये बात सभी में उजागर
हो दीप निराश भला क्यों चरणों में उनके आ कर
चले सनन सन मंद पवन पुरवाई है
आई झूम के होली की प्यारी रुत आई है