तुम्ही मेरी नैया तुम्ही हो खवइयां संभालो कन्हियाँ,
डूब रहा हु देखो जग के रचियाँ संभालो कन्हियाँ संभालो कन्हैया
क्या मैं बताऊ क्या मैं दिखाऊ आँखों का नीर कान्हा कैसे मैं छुपाऊ,
दुःख की चली रे कान्हा कैसी पुर वईयाँ,
संभालो कन्हियाँ संभालो कन्हैया
घिर गए आज देखो बादल काले,
टूट रही है सांसे ओ मुरली वाले,
कल क्या करोगे आके बंसी बजाइयाँ,
संभालो कन्हियाँ संभालो कन्हैया
इनता तो कह दे की मैं तेरा विश्वाश हु,
क्यों गबराते पगले तेरे आस पास हु,
केशव भरोसे तेरे पकड़ो ये बहियाँ,
संभालो कन्हियाँ संभालो कन्हैया