श्याम जय जय श्याम श्री जय जय श्याम
मैं तो श्याम ही श्याम पुकारू,
श्री श्याम नहीं मोहि सुध लीनी मैं तो कब से राह निहारु,
अरे ओ खाटू जाने वाले श्री श्याम प्रभु के मत वाले,
तू श्याम नाम रस पी ले तन मन की प्यास बुजा ले
जग के कण कण में बिखरा श्याम नाम गुण गा ले
चलता चल तू सदा खाटू जी के धाम,
कही गम को कही बीमारी है,
तेरे बचो पे संकट भारी है,
तुझे मुसीबत में ध्यायेगा तू उसको पार लगाए गा,
पूर्व से आवे पश्चिम से आवे उत्तर से आवे दक्षिण से आवे,
आके लगा दे डेरा रे,
श्याम के दर पे तू भी आके कर ले रेन बसेरा रे,
यही प्रभु श्याम की आगेया है,
सब आके याहा विश्राम करे,
जो करना है वो श्याम करे,
श्याम भगत के जीवन में कभी होगा नहीं अँधेरा रे,
श्याम के दर पे तू भी आके कर ले रेन बसेरा रे,
उसे भूख प्यास नहीं लागे जो श्याम से प्रीत लगाए,
प्रभु मिटा दी सारी निराशा आशा की ज्योत जलाये,
पल में बाबा सब हर लेंगे मन में जो दुःख तेरा रे,
श्याम के दर पे तू भी आके कर ले रेन बसेरा रे,