राधे के चरणों में गिर कर आंसू मोती बन जाते,
हो जाते बेकार ये अगर कही और बह जाते,
राधे के चरणों में गिर कर आंसू मोती बन जाते
गुट गुट कर अंदर अंदर जब दिल का दर्द उबलता है,
बाँध तोड़ कर पलको के आंसू का दरिया बेहता है,
बह जाते है आंसू तो लेकिन दिल को हल्का कर जाते,
राधे के चरणों में गिर कर आंसू मोती बन जाते
उसके आगे क्या रोना जो मोल न आंसू का जाने,
अंतर् मन की पीड़ा केवल अन्तर्यामी ही जाने,
बोल नहीं सकते जो कुछ हम वो आंसू कह जाते,
राधे के चरणों में गिर कर आंसू मोती बन जाते
ममता मई मेरी राधे जी आंसू देख पिघल जाती ,
लाल के बहते आंसू में उसकी करुणा की बह जाती है,
माँ की गोद से ज्यादा बचे और कहा सुख पाते,
राधे के चरणों में गिर कर आंसू मोती बन जाते