वो लम्हा आखरी हो जब दिल तुम्हे भुलाये,
तेरा नाम भूलू जिस दिन मुझे मौत श्याम आये,
वो लम्हा आखरी हो जब दिल तुम्हे भुलाये,
तेरा नाम लेके मेरी ये सांस चल रही है,
तेरी किरपा मेरे तन के नस नस में पल रही है,
तेरी रेहमतो से हु मैं वरना क्या मुझपे हाय,
वो लम्हा आखरी हो जब दिल तुम्हे भुलाये,
तेरा हाथ जो है सिर पर तो दुनिया सब हसीन है
मेरा वायुद तेरे बिन जग में कुछ नहीं है,
बिन तेरे कोई अपना मुझको नजर न आये,
वो लम्हा आखरी हो जब दिल तुम्हे भुलाये,
इस के सिवा न कुछ भी मेरी तुझसे झूसत झु है,
शर्मा की ये तमना इतनी सी आरजू है,
मेरे सामने रहे तू जब प्राण तन से जाये,
वो लम्हा आखरी हो जब दिल तुम्हे भुलाये,