राणाजी तेरे महलो में आग लगे,
राणाजी तेरे महलो मे आग लगे,
मै तो चली गोवर्धन राणा,
मै तो चली वृन्दावन राणा,
मेरे सोये भाग जगे,
राणाजी तेरे महलो मे आग लगे।।
घास फुस की कुटिया बनाउँगी,
सांवरिया का वामे मंदिर बनाउँगी,
वहाँ पे तुलसी के बाग लगे,
राणाजी तेरे महलो मे आग लगे।।
ना चाहिए तेरे सोना चाँदी,
ना चाहिए तेरे हीरे मोती,
ये तो गहरा घाव लगे,
राणाजी तेरे महलो मे आग लगे।।
गोविन्दजी का नाम जपुंगी,
राधे राधे श्याम रटुंगी,
चाहे गहरा दाग लगे,
राणाजी तेरे महलो मे आग लगे।।
राणाजी तेरे महलो में आग लगे,
राणाजी तेरे महलो मे आग लगे,
मै तो चली गोवर्धन राणा,
मै तो चली वृन्दावन राणा,
मेरे सोये भाग जगे,
राणाजी तेरे महलो मे आग लगे।।