तोड़ी न टूटे छोड़ी न छूटे, ऐसी माधव की चितली , यु ललन सो प्रीत बनी बलि बलि जाऊ श्याम सूंदर पे, अथक कथा जाके बात सुनी, तोड़ी न टूटे छोड़ी न छूटे, ऐसी माधव की चितली , यु ललन सो प्रीत बनी