तुमने घनश्याम अधीनों को तारा होगा,
तो कभी हमें भी तारने का सहारा होगा,
हम जो मशहूर हैं पापी तो तुम पतित पावन,
तुम न होगे तो भला कौन हमारा होगा,
गम न होगा हमे बर्बाद या पामाल करो,
नाम हर हाल में बदनाम तुम्हारा होगा,
क्यों हमारी भी कुटिलता को सुधारोगे भला,
गर्चे कुब्जा कि कुटिलता को सुधार होगा,
माना कि सरकार कि आँखों में अनेकों हैं अधम,
‘बिन्दु’ कि आँख के कोने में गुजरा होगा,