मनवा रामा रामा बोल तेरा क्या लागे रे मोल
साधु ने इक तोता पाला राम राम रत आया,
तोता उदा आकाश चला गया पिंजरा रह गया खाली,
मनवा रामा रामा बोल तेरा क्या लागे रे मोल
नो खिडकी का मेहल है तेरा खुले पड़े सब द्वार,
आना रहना मुल्किल तेरा जाना सहज सवार,
मनवा रामा रामा बोल तेरा क्या लागे रे मोल
पत्थर चुन चुन मेहल बनाया लोग कहे यह मेरा,
न ये तेरा न ये मेरा चिड़ियाँ रेन बसेरा,
मनवा रामा रामा बोल तेरा क्या लागे रे मोल
दुनिया क्या है इक तूफानी क्या राजा क्या रानी,
इक दिन सब को जाना होगा रहे राम रजधानी,
मनवा रामा रामा बोल तेरा क्या लागे रे मोल