शेहनाई ढोल बजाओ माँ शेरावाली आई है,
जैकारे माँ के लगाओं माँ शेरावाली आई है,
लाल चुनरियाँ ओड के मैया आंगन सिर पे बंधाई है,
शेहनाई ढोल बजाओ माँ शेरावाली आई है,
हो जग मग जग मग घर प्यारा याहा घी के दीप जलाना है,
माँ आंबे याहा विराजे गी चन्दन का चोंक सजाना है,
याहा पुण्ये की वरिश हो एसी ये घड़ी बड़ी सुखदाई है,
शेहनाई ढोल बजाओ माँ शेरावाली आई है,
भगतो पर दया लुटाने को जगदम्बा आज पधारी है,
घर बेठे माँ के दर्श मिले एसी तकदीर हमारी है,
हम सब के भाग्ये जगाने को अमृत की घट झलकाई है,
शेहनाई ढोल बजाओ माँ शेरावाली आई है,
देखो ये पावन मौका है कार्लो माँ का गुणगान जरा,
झोली खाली भर देगी माँ माता का लगाओ ध्यान जरा,
भगतो संग झूम के नाचे गे ये भगती की पुरवाई है
शेहनाई ढोल बजाओ माँ शेरावाली आई है,