झोलियाँ भरवाके लाये है मैया रानी के दवार से,
मैया रानी के दवार से पाके मुरादे आये है,
मेहरावाली हुई दयाल मुझपे हालक किया निराल,
माँ ने हर विपदा दी ताल मेरे सोइये नसीब जगाये है,
झोलियाँ भरवाके लाये है.........
चिठ्ठी आई जो भुलावे के भवन से,
आंसू झलक उठे ख़ुशी के नैन से,
चला भक्तो के संग लिए मन में उमंग
देख के पर्वत रह गया ढंग तेरे कहा पैमाने लगाए है
झोलियाँ भरवाके लाये है.........
शुभ पल में नसीबो वाले आये,
पवन गुफा में दर्श माँ के पाए,
श्रद्धा से सिर झुकाओ दिए दुखड़े सुना,
मुझको चरणों से लगा करुणा मई ने कर्म कमाए है,
झोलियाँ भरवाके लाये है....
दवार खोले माँ ने दया के भण्डार के दिए जीवन सावर बेशुमार के,
खाली कोई न लौटाया लाख जो माँगा सो पाया,
कमले सवाल को गले लगाया सारे अवगुण दोष भुलाये है,
झोलियाँ भरवाके लाये है