छत्र छाया में अपनी बसाले

छत्र छाया में अपनी बसाले
सोने की छतर वाली मैया सोने की कलश वाली मैया,
छत्र छाया में अपनी बसाले

भगत ध्यानु की तरह नहीं हु,
हां माँ जग से हारी नहीं हु,
मैं बुरी हु तू मुझको निभा ले
सोने की छतर वाली मैया सोने की कलश वाली मैया,
छत्र छाया में अपनी बसाले

रोज सुनती हु दुनिया के ताने आजा माँ मेरी बिगड़ी बनाने,
गिर न जाऊ कही तू उठा ले
सोने की छतर वाली मैया सोने की कलश वाली मैया,
छत्र छाया में अपनी बसाले

मन में दर्शन की ईशा बड़ी है,
नित नै समस्या खड़ी है
तू जो चाहे तो पल में बुला ले
सोने की छतर वाली मैया सोने की कलश वाली मैया,
छत्र छाया में अपनी बसाले
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