दिल दी किताब उते न तेरा लिखियाँ,
सब तो पहला माँ कहना सिखियाँ
नो महीने माँ ने गर्व च उठाया खुद सो के गीले ते सुके से सुआलया,
माँ वरगा न कोई दूजा मैनु दिसियां,
दिल दी किताब उते न तेरा लिखियाँ,
सब तो पहला माँ कहना सिखियाँ
ऊँगली पकड़ के माँ ने चलना सिखाया ,
बोलना सिखिया नाल हसना सिखियाँ,
श्रवण जेहा लाल कर्जा ला भी न सकया,
दिल दी किताब उते न तेरा लिखियाँ,
सब तो पहला माँ कहना सिखियाँ
माँ चरना च तीर्थ सारे माँ तो बड़ी पूजा न,
सच कहंदा गोपाल माँ रब दा ना दूजा,
हर चेहरे दे विच चेहरा तेरा दिसिया,
दिल दी किताब उते न तेरा लिखियाँ,
सब तो पहला माँ कहना सिखियाँ