सब कुछ वही पा जाता जो दर पे आ जाता,
माँ आये तेरे जोगी हमे शरण में लगाओ....
माँ ने ये संसार रचाया कितना सुंदर स्वर्ग वसाया,
पृथ्वी से आकाश तलक है तेरा ही तो नूर समाया,
हर इक दिल की माँ तू जाने कैसी है ये तेरी माया,
ह्रदय में बसा लो माँ के गीत तुम भी गाओ,
माँ आये तेरे जोगी हमे शरण में लगाओ....
क्या क्या इस संसार में होता कोई हस्ता कोई रोता,
दुनिया से सब कुछ उठ जाता,
जो साचा दरबार ना होता,
अकबर भी जग में पूज जाता उस में अगर अहकांर ना होता,
ह्रदय में बसा लो भगतो वक़्त ना लगाओ,
माँ आये तेरे जोगी हमे शरण में लगाओ....
जपता है जो नाम की माला भव सागर से तर जाता है,
सुख दुःख का उसे होश नही है,
तेरी लोह में रम जाता है,
तुम भी नाम जपो सुबह और शाम जपो,
राज कुछ समय तो अपना भगती में लगाओ,
अरे आओ आओ भगतो वक़्त ना लगाओ,
माँ के गीत तुम भी गाओ,
माँ आये तेरे जोगी हमे शरण में लगाओ....