कान्हा खो गया दिल मेरा तेरे वृंदावन मे
तेरी मुरली की धुन जो बजती है,
सारी गोपियों को प्यारी लगती है ।
कैसा जादू भरा इन तानों मे,
कान्हा खो गया दिल मेरा तेरे वृंदावन मे ॥
तेरी जमुना की निर्मल धारा है,
सभी पापियों को इस ने तारा है ।
कैसा जादू भरा इन लेहरो मे,
कान्हा खो गया दिल मेरा तेरे वृंदावन मे ॥
तेरे मंदिरों मे चेन मिलता है,
फूल मुरझाया फ़िर से खिलता है ।
कैसा जादू भरा इन नेनो मे,
कान्हा खो गया दिल मेरा तेरे वृंदावन मे ॥
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