गाओ रे सब आरती श्याम धनि की,
गाओ रे सब महिमा श्याम धनि की,
गाते है सब देव ऋषि जन जिनकी,
गाओ रे सब आरती श्याम धनि की
गदोगश के प्राण के प्यारे,
अहिलावती के राज दुलारे,
खाटू में श्री धाम बनाया,
दुखियां के ये ही सहारे,
गाओ रे सब आरती श्याम धनि की
सोने का शिंगासन प्यारा फूलो का शिंगार तुम्हारा,
गल मोतियन की माला साजे सिर पे चवर डुले अति प्यारा,
गाओ रे सब आरती श्याम धनि की
केशव के है ये वरदानी लखदातार ये शीश के दानी,
शर्मा संजे आये शरण में बल भुधि दी जो महादानी,
गाओ रे सब आरती श्याम धनि की