ऐसा रंग राधा रानी चढ़ाया के होर रंग नहियो चढ़ दा,
बरसाने विच वेखि ओह्दी माया वे हर पल नचदी फिरा,
ऐसा रंग राधा रानी चढ़ाया के होर रंग नहियो चढ़ दा,
राधे दे रंग विच अनोखा ही सरूर वे,
जेहड़े पास देखो वेखो विच श्याम दा ही रूप वे,
श्यामा बांह फड़ सब नु नाच्या के मैं हर पल नचदी फिरा ,
ऐसा रंग राधा रानी चढ़ाया के होर रंग नहियो चढ़ दा,
सामने मैं बैठ राधा रानी कोलो पुछेया,
ऐसा केहड़ा गुण जेहड़ा श्याम तेहते डूलिया,
राधा रानी ने हस के वो बताया मैं हर पल नचदी फिरा ,
ऐसा रंग राधा रानी चढ़ाया के होर रंग नहियो चढ़ दा,
भूल गई मैं दुनिया नु भूल गई मैं खुद नु,
राधे ने मेहर किती भूल गई मैं हर पल नचदी फिरा ,
ऐसा रंग राधा रानी चढ़ाया के होर रंग नहियो चढ़ दा,