दुनिया में दातार बहुत है दिखलाते दातरी,
छोटा मोटा माल कमा कर बन बैठे व्यपारी,
सेठो में सेठ है निराला अपना तो सेठ मुरली वाला,
खाटू में दरबार लगा कर बैठा है सरकार वाहा,
श्याम धनि के जैसा जग में कोई नहीं दातार याहा
सारी दुनिया को इस ने तारा अपना तो सेठ मुरली वाला,
जो भी द्वार पे आते है सब झोली फैलाते है,
रोते रोते आते है हस्ते हस्ते जाते है,
सब की झोली में इस ने डाला,
अपना तो सेठ मुरली वाला,
कोई संकट आता बाबा पार लगाता है,
जो भी चरण में आता है शरणागत हो जाता है,
सारी दुनिया का है रखवाला,
अपना तो सेठ मुरली वाला,