सुनी पड़ी है गोकुल की गलियां,
छल कर के चले गये गोपियों से छलिया,
कह गये परसो बिता दिए बरसो,
कहे बन गये निरदइया ,
बता दो उधो कब आएंगे कन्हैया,
कण कण पता पता उची डाल डाल रे कहा गये श्याम सलोना,
दिल संग खेल गये किये न ख्याल रे जैसे कोई हम है खिलौना,
कदम की डाल भी लगाए है आस जी कहा गई बंसी की बजाइयाँ,
बता दो उधो कब आएंगे कन्हैया,
भीलख भीलख के पुकारे राधा रानी भरी भरी आखियो में पानी,
इक पल भी दूर नहीं रहते से हम से कहे सब पहले की कहानी,
यमुना किनारे राह निहारे आके कब पकड़े गे बहियाँ,
बता दो उधो कब आएंगे कन्हैया,