सांवरे जाने भी दे लौट के आने भी दे,
मुझको दही बेचन जाना सच कहती हूँ मैं कान्हा,
सांवरे जाने भी दे लौट के आने भी दे,
मुझको दही बेचन जाना सच कहती हूँ मैं कान्हा,
छोड़ो कलाई मेरी कलाई अच्छी नहीं दिल लगी,
राधे फिर कब मिलोगी राधे फिर कब मिलोगी,
सांवरे जाने भी दे लौट के आने भी दे,
मुझको दही बेचन जाना सच कहती हूँ मैं कान्हा,
छोड़ो कलाई मेरी कलाई अच्छी नहीं दिल लगी,
राधे फिर कब मिलोगी राधे फिर कब मिलोगी।
सिर पे है मेरे कान्हा दही की मटुकिया,
काहे को झटके कान्हा मेरी चुनरिया,
काहे को रोके कान्हा मेरी डगरिया,
काहे को पकडे कान्हा मेरी उंगलिया,
काहे को राग मचाये काहे तकरार मचाये,
दिन ये दस बार मचाये ऐसे हर बार मचाये,
छोड़ो कलाई मेरी कलाई अच्छी नहीं दिल लगी,
राधे फिर कब मिलोगी राधे फिर कब मिलोगी।
भोरी ना बन ज़्यादा बांकी गुजरिया,
जाने तू सब क्यों है रोकी डगरिया,
दही को चखा दे ओ बांकी गुजरिया,
माखन की अपनी तू देदे मटुकिया,
दही तो मैं बेचन जाऊ कैसे मैं तुझे चखाऊ,
माखन भी ना दे पाऊ साची मैं बात बताऊ,
छोड़ो कलाई मेरी कलाई अच्छी नहीं दिल लगी,
राधे फिर कब मिलोगी राधे फिर कब मिलोगी।
राधा तू ज़्यादा क्यों नखरे दिखाए,
कान्हा समझ में तेरे क्यों ना आये,
माखन वि ना दे तू ना दही चखाये,
कान्हा तू क्यों रोज़ हमको सताए,
कान्हा तू छोड़ बहाना मुझको बरसाने जाना,
मुझको ऐसे बहलाना राधा तू बात बना ना,
छोड़ो कलाई मेरी कलाई अच्छी नहीं दिल लगी,
राधे फिर कब मिलोगी राधे फिर कब मिलोगी,
कान्हा जल्दी मिलूंगी कान्हा जल्दी मिलूंगी।