हरी भज रे उम्र बीत चली,
दिन दिन घडी घडी पल पल जावे,
जैसे जल अंजलि
हरी भज रे उम्र बीत चली,
जिम सूरज रथ दावत नव में
छाया जाए ढली
हरी भज रे उम्र बीत चली,
ये माया चंचल शान बंगुर,
जिम बदल बिजली,
हरी भज रे उम्र बीत चली,
भ्र्म नन्द भजन बिन हरी के भटकत नर्क गली,
हरी भज रे उम्र बीत चली,