कन्हियाँ झूले पलना झुलावे महतारी
झुलावे महतारी निहारी छवि प्यारी
कन्हियाँ झूले पलना झुलावे महतारी
नाचत गावत गोकुल गाओ बसंत को उत्सव आयो
मार सुधा ने मन मोहन को पीत प्रशन पेहरायो,
बसंती रंग रंग गए सब नर नारी
झुलावे महतारी निहारी छवि प्यारी
कन्हियाँ झूले पलना झुलावे महतारी