साईं बाबा के दरबार बन के आये सवाली,
इक गुलशन है दुनिया सारी साईं सी कवारी,
साईं के बाबा के दरबार बन के आये सवाली,
शिर्डी तेरे दर के सदके जनत साईं के है दम से
हर शेह पाए फेज याहा पे एसी होगी बात काहा पे,
सब पे करदे कर्म तू साईं कोई न जाए खाली,
साईं बाबा के दरबार बन के आये सवाली,
तेरी नजर में सब इक जैसे जग में चाहे रोग हो जैसे,
भेद भावना तू सिखलाता सब का मालिक इक बताता,
हिन्दू मुस्लिम सिख माराठी चाहे हो बंगाली
साईं बाबा के दरबार बन के आये सवाली,
तू ही रहबर तू ही साईं पीर पेघ्म्बर तू ही ग़ालिब
सब का तुझमे नूर समाया तुझको सजदा करने आया
सब का दामन भर दिया तूने कोई गया न खाली
साईं बाबा के दरबार बन के आये सवाली,