तेरा लाभ उसी में होगा जो भी करेगा करने वाला,
इक नया सबक सिखलाये हर डोर गुजरने वाला,
मौज से मौज टकराये चाहे सिर तक पानी आये,
जब भी लेगा नाम साई का साहिल पे पौंछ सकता है सागर में उतरने वाला,
तेरा लाभ उसी में होगा जो भी करेगा करने वाला,
जिस की रंगत प्यारी प्यारी,
जिस में कुदरत की गुलकारी,
उस क्यारी का हर गुल भुटा,
माटी में बिखर जाएगा माटी से उबरने वाला,
तेरा लाभ उसी में होगा जो भी करेगा करने वाला,
चारो और मची है हलचल फेल चुकी दुनिया की दल दल,
पल पल जपले साई की माला,
ये समय किसी की खातिर कभी नहीं ठहरने वाला,
तेरा लाभ उसी में होगा जो भी करेगा करने वाला,
साई को मन तू जितना देगा उतना तुम्हे वो कन्धा देगा,
याद न करियो स्वाथ की खातिर
कही देख बिगड़ न जाए तेरा अंत सवरने वाला,
तेरा लाभ उसी में होगा जो भी करेगा करने वाला,