सिया राम जी प्यारे राजधानी लागे,
मोहे मिठो मिठो सरयू जी को पानी लागे
धन्य कोशलेया धन्ये ककई धन्ये सुमित्रा मैया,
धन्य कूप दशरथ यु के आंगन खेलत चार हु भईया,
मीठी तोतली रसीली प्रभु वाणी लागे
मोहे मिठो मिठो सरयू जी को पानी लागे
सेहज सुहावन शोभा लागे रघुवर राम लला की
करे कीर्तन संत मगन मन मधुरी बोले वाणी
सीता राम नाम धुन प्यारी सुख दानी लागे
मोहे मिठो मिठो सरयू जी को पानी लागे