झूला लगे जनक फुलवारी,
झूले सिया सुकुमारी ना ।
काही के डोर काहि का पलना,
काही के डारी ना, सखी हो,
झूला लगे जनक फुलवारी,
झूले सिया सुकुमारी ना ।
रेशम के डोर चंदन का पलना,
अमुआ की डारी ना, सखी हो,
झूला लगे जनक फुलवारी,
झूले सिया सुकुमारी ना ।
के हो झूलत के हो झुलावत,
बारी बारी ना, सखी हो,
झूला लगे जनक फुलवारी,
झूले सिया सुकुमारी ना ।
राम जी झूलत सिया जी झुलावत,
सिया जी झूलत राम जी झुलावत,
बारी बारी ना, सखी हो,
झूला लगे जनक फुलवारी,
झूले सिया सुकुमारी ना ।
Shweta Pandey (Varanasi)