पंचवटी के बीच सिया रावण ने चुराई रे

पंचवटी के बीच सिया रावण ने चुराई रे.....

फूलों से पूछे कलियों से पूछे,
राम लखन हिल्की भर के रोवे,
क्या खुशबू बीच संभाल सिया रावण ने चुराई ये.....

गंगा से पूछे यमुना से पूछे,
राम लखन हिलकी भरके रोवे,
क्या लहरो बीच समाई सिया रावण ने चुराई ये......

चंदा से पूछा सूरत से पूछे,
राम लखन हिल्की भर के रोवे,
क्या तारों के बीच समाई सिया रावण ने चुराई रे.....

गैया से पूछे बछड़ा से पूछे,
राम लखन हिल्की भर के रोवे,
क्या हिरनी बन के उड़ गई सिया रावण ने चुराई ये....

ऋषि मुनि सन्तों से पूछे,
राम लखन हिलकी भर के रोवे,
क्या धरती बीच समाई सिया रावण ने चुराई रे......

श्रेणी
download bhajan lyrics (530 downloads)