म्हारे ठाकुर जी री पूजा हर दम करता रेहसा जी
माहरे सांवरियां जी री पूजा हर दम करता रेहसा जी
सुख दुःख भेजो तो नाथ राजी होता रेह्सा जी
तन से सेवा मन से सुमिरन मुख से नाम ले सा जा
म्हारे ठाकुर जी री पूजा हर दम करता रेहसा जी
म्हाने मिलिया जन कर कर्मा सु थारी अरचा खर्चा जी
थारे संता में बेठ थारी चर्चा कर सा जी
म्हारे ठाकुर जी री पूजा हर दम करता रेहसा जी
थारे संता की संगत में तो कर ता रह सा जी
थारी गीता रामायण चित में धरता रह सा जी
म्हारे ठाकुर जी री पूजा हर दम करता रेहसा जी
थारा दर्शन भी बा कर ली मैं जोता रहता जी
म्हारे चरना में आंसुआ सु धोता रहता जी
म्हारे ठाकुर जी री पूजा हर दम करता रेहसा जी