बंधन मेरे संवारे तुमसे जुड़ गया
पंख बिना मेरे दिल का परिंदा देखो उड़ गया
बंधन मेरे संवारे तुमसे जुड़ गया
दिल ने कही करार न पाया चैन था मेरा खोया
अपना नही था जग में कोई रेहता था खोया खोया
वीरा था जीवन का गुलशन तुम से खिल गया
बंधन मेरे संवारे तुमसे जुड़ गया
अपनी पलको के आँगन से ओजल कभी न कर ना
इक पल जो तुम दूर हुए तो कहे मेरे मैना
कुछ भी नही श्याम मेरे मैं तुमसे तर गया
बंधन मेरे संवारे तुमसे जुड़ गया