अब सुनले मेरी पुकार ओ खाटू वाले
सब कुछ मैं गया हूँ हार ओ खाटू वाले
अब सुनले मेरी पुकार .............
हारे का सहारा है तू सुना है ज़माने से
मुझे भी बचा ले बाबा अब डूब जाने से
मेरी नाव की बन पतवार ओ खाटू वाले
अब सुनले मेरी पुकार .............
सीढ़ियां तेरे मंदिर की आंसुओं से धोऊँ मैं
जग को हंसाने वाले तेरे आगे रोऊँ मैं
मेरी हार है तेर हार ओ खाटू वाले
अब सुनले मेरी पुकार .............
बाबा साड़ी दुनिया की लिखे तकदीरें तू
देख ले मेरे हाथों की फिर से लकीरें तू
फिर कलम उठा इक बार ओ खाटू वाले
अब सुनले मेरी पुकार .............
तूने तो फकीरों को भी बादशाह बनाया है
हुई भूल मुझसे क्या जो ये दिन दिखाया है
तेरा भक्त है क्यों लाचार ओ खाटू वाले
अब सुनले मेरी पुकार .............