झुला झूलो हे आंबे माँ सोने के पालना
भोग लगाऊ गा माँ मिल के भक्त जना
झुला झूलो हे आंबे माँ सोने के पालना
चरणों में तेरे ज्योत जला के
हलवे चने का भोग लगा के,
भेट सुनाऊगा मिल के भक्त जना
झुला झूलो हे आंबे माँ सोने के पालना
मैं हु माँ अब तेरे हवाले ममता मई माँ तू ही सम्बाले
दर तेरा छोड़ माँ अब जाऊ काहा
झुला झूलो हे आंबे माँ सोने के पालना
तू ही दुर्गा तू ही काली भगतो की करती रखवाली
सुनील को बना ले माँ दास अपना
झुला झूलो हे आंबे माँ सोने के पालना