जयकारा शेरावली दा
बोल साचे दरवार की जय
त्रिशूल पे तेरे धरती थमी है,
मैया रीनी है ये दुनिया तेरी,
धुन धुन जले बस्तीयाँ पाप की,
माँ ज्वाला सी देहके जो बिंदिया तेरी,
ज़ालिम आगर शक्तिशाली हैं तो क्या,
सच तोड़ देता है फौलाद को,
मैया जो दो दो जन शेर तूने,
वो चीयर डालेंगे अपराध को,
वो चीयर डालेंगे अपराध को,
ओ माँ शेरावाली,
हो माँ शक्तिशाली....
मां मेरी मां से मिला दे मुझे,
ममता का मैं वास्ता दूं तुझे,
दर से ना तेरे जाउंगा खाली,
माँ शेरोवाली ओ माँ शेरोवाली,
माँ शेरोवाली ओ माँ शेरोवाली,
हो माँ शेरोवाली,
हो माँ शक्तिशाली....
विक्राल लीला मैया दिखा दे,
ले मुंड माला श्रृंगार कर तू,
झर झर बहा दे नदिया लहू कि,
महिषासुरों का संहार कर तू,
तेरे नाम को प्रणाम है,
कृपा करदे माँ,
ओ माँ शेरावाली,
हो माँ शक्तिशाली,
मां मेरी मां से मिला दे मुझे,
ममता का मैं वास्ता दूं तुझे,
दर से ना तेरे जाउंगा खाली,
माँ शेरोवाली ओ माँ शेरोवाली,
हो माँ शक्तिशाली,
ओ माँ शेरोवाली,
ओ माँ शक्तिशाली,
ओ माँ शेरोवाली,
ओ माँ शक्तिशाली.....