मुश्किल है सेहन करना ये दर्द जुदाई का ,
मुझे कुछ तो बता प्यारे कारण रुसवाई का
मुश्किल है सेहन करना ये दर्द जुदाई का,
झूठे तेरा वादों पव अतवार किया हमने
तेरी किरपा को सुन कर अरे प्यार किया हमने,
क्या यही सिला मिलता इस प्रीत लगाई का
तुम सा कोई मिल जाता तो ढूंड लिए होते
क्यों प्यार तुम्हे करते क्यों तेरे लिए रोते
मुख मोड़ के क्यों बैठे क्यों मान सुखाई का