थाणे आ कई सूजी रे राधा राधा रसिया
राधा रसिया माहरे मन वसियाँ
थाणे आ कई सूजी रे राधा राधा रसिया
राजा हरीश चंद जैसो दानी भरो नीच घर पानी,
इक टके सोने रे खातिर वेच दियो सुध रानी
थाणे आ कई सूजी रे राधा राधा रसिया
थारा नाम रा तंदू रानी मीरा खूब बजाया
साँची भगती की नही बा के गले नाग लिपटाया
थाणे आ कई सूजी रे राधा राधा रसिया
छप्पन करोड़ की माया नरसी थारे नाम लुटाई
लम्भा घना की तुबडीयाँ थके हाथा में पकड़ाई
थाणे आ कई सूजी रे राधा राधा रसिया