निक्का जेहा श्याम मेरे रुसके नि वेह गेया
तेरे नही आना सखी जांदा होया कह गया,
निक्का जेहा श्याम मेरे रुसके नि......
घर आके कहंदा सखी मखन ख्ग्वादे तू,
अखेया मैं आगो पहला बंसी सुनदे तू,
निकी जिनी गल दा पवाडा किना पे गया,
तेरे नही आना सखी जांदा होया कह गया,
निक्का जेहा श्याम मेरे रुसके नि......
सोचिया सी सुन बंसी सुन मन नु लुभावागी,
रज रज संवारे दा दर्शन पावागी,
चा मेरे दिल वाला दिल विच रह गया,
तेरे नही आना सखी जांदा होया कह गया,
निक्का जेहा श्याम मेरे रुसके नि......
संवारे बेगेर मेरा दिल नही लगद,
ओहदे बिना सारा जग सुना सुना लगदा,
कढ के कलेजा मेरा श्याम आके ले गया,
तेरे नही आना सखी जांदा होया कह गया,
निक्का जेहा श्याम मेरे रुसके नि......